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एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर

अपनी मासिक SIP इन्वेस्टमेंट का फ्यूचर वैल्यू अंदाजा लगाइए।

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अस्वीकरण

1. पिछला प्रदर्शन भविष्य में कायम रह भी सकता है और नहीं भी और यह भविष्य में किसी रिटर्न की गारंटी नहीं है।

2. कृपया ध्यान दें कि ये कैलकुलेटर्स केवल उदाहरण के लिए दिए गए हैं और वास्तविक रिटर्न्स नहीं दर्शाते।

3. म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न की निश्चित दर नहीं होती और रिटर्न की दर का अनुमान लगाना संभव नहीं है।

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कैल्कुलेटर इस्तेमाल करने के फायदे

finance-planning
आसान फाइनेंशियल प्लानिंग
saves-time
समय की बचत
easy-to-use
यूजर-फ्रेंडली इस्तेमाल
helps-make-informed-decisions
सूझबूझ भरे फैसले लेने में मदद

SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक आसान तरीका है जिससे इन्वेस्टर्स बिना एकमुश्त रकम के म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। यह निवेशकों को छोटे-छोटे अमाउंट्स को व्यवस्थित रूप से लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने की सुविधा देता है।

यहां एक ऑनलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध है, जिससे इन्वेस्टर्स SIP इन्वेस्टमेंट के संभावित रिटर्न्स को समझ सकते हैं।

 

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर क्या है?

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर एक आसान ऑनलाइन टूल है, जो यह बताता है कि म्यूचुअल फंड में छोटे-छोटे किस्तों के रूप में किया गया आपका निवेश आने वाले समय में कितना बढ़ सकता है। यह भविष्य के रिटर्न का हिसाब लगाना आसान बनाता है, जिससे निवेशक अनुमान पर नहीं, बल्कि निश्चित आंकड़ों के आधार पर अपनी निवेश योजना बना सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने की शुरुआत कर रहे नए निवेशकों के लिए मैन्युअल कैलकुलेशन करना अक्सर थोड़ा पेचीदा हो सकता है। SIP के ज़रिए म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश की भविष्य की वैल्यू का अंदाज़ा लगाना न सिर्फ़ समय लेने वाला होता है, बल्कि इसमें गलती की भी संभावना रहती है।

ऐसे में जटिल गणनाओं को ऑटोमेट करके, एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर नए और अनुभवी — दोनों तरह के निवेशकों को समझदारी से फैसले लेने में मदद करता है।

 

फायनेंशियल प्लानिंग में एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर का इस्तेमाल

निवेश करना एक सोच-समझ का काम है — ये समझना आसान नहीं होता कि छोटे-छोटे और नियमित निवेश लंबे समय में कितनी बड़ी रकम में बदल सकते हैं। एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर इस पूरी प्रक्रिया को समझना आसान बनाता है:

तुरंत अनुमान दिखाना: हर महीने किए गए निवेश को ये कैलकुलेटर एक अनुमानित फ्यूचर कॉर्पस में बदलकर दिखाता है।

हाथ से कैलकुलेशन करने की झंझट से छुटकारा: पेचीदा गणित या स्प्रेडशीट बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ती — इससे आपका कीमती समय बचता है।

अलग-अलग सिचुएशन को कम्पेयर करना आसान बनाता है: आप निवेश की रकम, अपेक्षित रिटर्न या समय अवधि बदलकर देख सकते हैं कि कौन सा बदलाव आपको कितना फायदा पहुंचा सकता है।

लक्ष्य तय करने में मदद करना: चाहे रिटायरमेंट की योजना बनाना हो, बच्चों की पढ़ाई के लिए बचत करनी हो या अपना घर खरीदना हो — ये कैलकुलेटर आपके निवेश को आपके लक्ष्यों से जोड़ने में मदद करता है।

 

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर कैसे काम करता है?

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर एक निश्चित गणितीय फॉर्मूला का इस्तेमाल करके भविष्य में आपके निवेश की अनुमानित वैल्यू की गणना करता है। इसमें जो फॉर्मूला इस्तेमाल होता है वो है:

FV = P * (((1 + i)^n – 1) / i) * (1 + i)

जहाँ:

  • FV का मतलब है निवेश अवधि के अंत में मिलने वाली भविष्य की राशि।
  • P है हर महीने किया जाने वाला SIP का निवेश।
  • i दर्शाता है प्रति माह के आधार पर अनुमानित रिटर्न रेट।
  • n है कुल इंस्टॉलमेंट्स या निवेश की गई किश्तों की संख्या।

 

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर का फॉर्मूला समझना

कंपाउंड ग्रोथ: कैलकुलेटर ये मानता है कि हर महीने किया गया निवेश समय के साथ कंपाउंड होकर बढ़ता है।

रेट कन्वर्ज़न: क्योंकि ज़्यादातर रिटर्न सालाना दर में बताए जाते हैं, इसलिए उन्हें महीने के हिसाब से कन्वर्ट किया जाता है (यानि सालाना रेट को 12 से भाग देकर मासिक दर निकाली जाती है)।

एक्स्पोनेंशियल इफेक्ट: इस फॉर्मूला में कंपाउंडिंग की ताकत झलकती है — यानी छोटे-छोटे नियमित निवेश लंबे समय में बड़ा रिटर्न दे सकते हैं।

 

उदाहरण कैलकुलेशन

मान लीजिए एक निवेशक हर महीने ₹5,000 का निवेश करता है, अनुमानित सालाना रिटर्न 12% है और निवेश की अवधि 7 साल है। एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर के अनुसार:

कुल निवेश: 7 सालों में लगभग ₹4.20 लाख का निवेश होता है।
भविष्य की वैल्यू: कॉर्पस लगभग ₹6.60 लाख हो सकता है, जो दिखाता है कि नियमित निवेश और कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के साथ लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।

 

SIP के प्रकार: सही विकल्प चुनना

 

1. जनरल SIP

परिभाषा: एक तय रकम को नियमित अंतराल पर (अक्सर हर महीने) निवेश किया जाता है, जिससे अनुशासित निवेश की आदत बनती है।

किनके लिए उपयुक्त: वे निवेशक जो सरल और अनुशासित तरीके से निवेश करना चाहते हैं और जिनमें ज़्यादा बदलाव नहीं करना होता।

फायदे:

● नियमित बचत की आदत विकसित करता है
● रुपये की लागत को औसत करता है (रुपी कॉस्ट एवरेजिंग)
● मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर कम करता है

 

2. स्टेप-अप SIP

परिभाषा: स्टेप-अप SIP (या टॉप-अप SIP) में निवेशक तय अंतराल (अक्सर सालाना) पर अपनी SIP राशि अपने आप बढ़ा सकते हैं। यह बढ़ते निवेश को बढ़ती आय के साथ जोड़ता है और महंगाई के लंबे असर से निपटने में मदद करता है।

किनके लिए उपयुक्त: सैलरी पाने वाले प्रोफेशनल्स और वे लोग जो उम्मीद करते हैं कि उनकी आय समय के साथ बढ़ेगी और वे उसी हिसाब से निवेश भी बढ़ाना चाहते हैं।

फायदे:

● महंगाई से मुकाबला करता है
● अधिक कमाई वाले वर्षों में ज़्यादा निवेश करने में मदद करता है
● आय के साथ-साथ संपत्ति बनाने में मदद करता है

स्टेप-अप SIP उनके लिए बेहद असरदार है जो बिना ज़्यादा दखल दिए, फ्यूचर-रेडी पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं। ये न केवल लॉन्ग टर्म निवेश को रणनीतिक रूप से बढ़ाता है, बल्कि बढ़ती आय के साथ योगदान बढ़ाकर महंगाई का असर भी कम करता है।

 

3. फ्लेक्सिबल SIP

परिभाषा: फ्लेक्सिबल SIP में हर महीने निवेश की राशि बदली जा सकती है — यह आपके इनकम फ्लो या मार्केट सिचुएशन के अनुसार एडजस्ट होती है।

किनके लिए उपयुक्त: वे निवेशक जिनकी आय हर महीने स्थिर नहीं होती, या जो मार्केट अच्छा होने पर ज़्यादा निवेश करना चाहते हैं।

फायदे:
● इनकम में बदलाव होने पर भी निवेश जारी रख सकते हैं
● मार्केट डाउनट्रेंड में ज़्यादा निवेश करने का मौका मिलता है

 

4. परपेचुअल SIP

परिभाषा: इसमें कोई तय समय सीमा नहीं होती — निवेशक जब तक चाहें तब तक SIP जारी रख सकते हैं।

किनके लिए उपयुक्त: वे निवेशक जो लंबी अवधि में धन संचय करना चाहते हैं और जिनके फाइनेंशियल गोल भी लॉन्ग टर्म के हैं।

फायदे:
● निवेश रोकने का कोई दबाव नहीं
● लॉन्ग टर्म गोल्स वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त

 

5. ट्रिगर SIP

परिभाषा: इसमें निवेश तभी होता है जब कोई तय मार्केट लेवल या नेट एसेट वैल्यू (NAV) हासिल होती है।

किनके लिए उपयुक्त: वे निवेशक जो अनिश्चित मार्केट में भी बेहतर एंट्री पॉइंट का लाभ उठाना चाहते हैं।

फायदे:

● ओवरप्राइस्ड एंट्री पॉइंट्स से बचते हुए बेहतर रिटर्न की संभावना

● बिना लगातार मॉनिटरिंग के मार्केट टाइमिंग को एडजस्ट करने का मौका मिलता है

 

6. मल्टी SIP

परिभाषा: मल्टी SIP के ज़रिए एक ही SIP प्लान के तहत कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश किया जा सकता है।

किनके लिए उपयुक्त: वे निवेशक जो रिस्क को अलग-अलग फंड्स में बांटकर डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं।

फायदे:

● कई निवेशों को एक साथ मैनेज करना आसान हो जाता है
● पोर्टफोलियो में बेहतर डायवर्सिफिकेशन मिलता है

 

हर SIP का डिज़ाइन अलग होता है और ये अलग-अलग रिस्क प्रोफाइल और फाइनेंशियल गोल्स के लिए उपयुक्त होते हैं। कौन-सी SIP आपके लिए सही है, यह आपके निवेश की अवधि, इनकम की स्थिरता और मार्केट को लेकर आपके नजरिए पर निर्भर करता है।

 

SIP बनाम लंपसम निवेश: एक तुलनात्मक विश्लेषण

निवेश के मोर्चे पर, शुरुआती निर्णयों में से एक यह होता है कि निवेशक लंपसम निवेश करें या फिर हर महीने SIP के ज़रिए किस्तों में निवेश करें। दोनों विकल्पों के अपने फायदे हैं, लेकिन कौन-सा विकल्प बेहतर रहेगा यह पूरी तरह मार्केट की स्थिति और व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

पैरामीटरSIPलंपसम
निवेश का प्रकारनियमित, आमतौर पर मासिक निवेश होता है, जिससे मार्केट टाइमिंग का जोखिम कम हो जाता है।एकमुश्त निवेश किया जाता है, जो अगर सही समय पर किया जाए तो मार्केट गिरावट का लाभ दे सकता है।
मार्केट टाइमिंग रिस्ककम जोखिम होता है क्योंकि इसमें रुपये की लागत औसत होती रहती है।ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि पूरा पैसा एक ही समय पर मार्केट में लगाया जाता है।
रिस्क डायवर्सिफिकेशनसमय के साथ अलग-अलग मार्केट साइकल्स में निवेश होने से बेहतर डायवर्सिफिकेशन मिलता है।अगर गलत समय पर निवेश किया गया, तो डायवर्सिफिकेशन सीमित हो सकता है।
उपयुक्तताउन निवेशकों के लिए आदर्श जो नियमित रूप से निवेश करके लंबी अवधि में संपत्ति बनाना चाहते हैं।उनके लिए बेहतर जिनके पास अतिरिक्त फंड हैं और जो ज़्यादा रिस्क लेकर तेज़ रिटर्न पाना चाहते हैं।

 

SIP निवेश में आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

भले ही SIP कई फायदे देता है, लेकिन निवेशकों को कुछ सामान्य गलतियों से सावधान रहना चाहिए जो उनकी लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन को प्रभावित कर सकती हैं।

 

मार्केट गिरावट के दौरान SIP रोकना:

कई निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव आने पर डर के कारण SIP रोक देते हैं।

इस गलती से ऐसे बचें:

बाजार गिरने पर भी निवेश जारी रखें। ये फेज़ आमतौर पर अस्थायी होते हैं, और ऐसे समय में SIP बंद करने से मार्केट रिकवरी के समय मिलने वाले मौकों से आप चूक सकते हैं। इस दौर में निवेश जारी रखने से कम NAV पर ज़्यादा यूनिट्स मिलती हैं, जिससे लॉन्ग टर्म ग्रोथ में मदद मिलती है।

 

समय के साथ निवेश राशि न बढ़ाना:

आय बढ़ने के बावजूद निवेश राशि न बढ़ाने से आपके फंड का ग्रोथ सीमित रह सकता है।

इस गलती से ऐसे बचें:

स्टेप-अप SIP का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी इनकम बढ़ने के साथ ही निवेश भी अपने आप बढ़ता है — और आप महंगाई से आगे रह पाते हैं।

 

बिना लक्ष्य के निवेश करना:

कोई स्पष्ट उद्देश्य न होने से आपका निवेश गलत दिशा में जा सकता है।

इस गलती से ऐसे बचें:

निवेश से पहले स्पष्ट लक्ष्य तय करें — जैसे रिटायरमेंट, बच्चे की पढ़ाई या घर खरीदना — और उसी अनुसार अपनी SIP स्ट्रॅटेजी बनाएं।

 

फंड का परफॉर्मेंस नजरअंदाज करना:

कुछ निवेशक लंबे समय तक फंड में बने रहते हैं लेकिन उसका परफॉर्मेंस ट्रैक नहीं करते।

इस गलती से ऐसे बचें:

फंड का परफॉर्मेंस समय-समय पर चेक करें और ज़रूरत पड़ने पर पोर्टफोलियो को रीबैलन्स करें ताकि आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के अनुसार ट्रैक पर बने रहें।

 

SIP रिटर्न में उतार-चढ़ाव को समझें

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर भले ही लाभदायक अनुमान देता हो, लेकिन ये याद रखें कि म्यूचुअल फंड के रिटर्न मार्केट उतार-चढ़ाव पर निर्भर करते हैं। SIP रिटर्न में उतार-चढ़ाव क्यों आता है — वजह जानिए

SIP रिटर्न में उतार-चढ़ाव को समझें

  • मार्केट में उतार-चढ़ाव: शॉर्ट टर्म में बाजार के उतार-चढ़ाव रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं, हालांकि लॉन्ग टर्म में ग्रोथ की दिशा आमतौर पर ऊपर की होती है।
  • आर्थिक परिस्थितियाँ: महंगाई, ब्याज दरें और देश की आर्थिक ग्रोथ — ये सभी फैक्टर म्यूचुअल फंड्स के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं।
  • फंड मैनेजमेंट और परफॉर्मेंस: फंड मैनेजर की कुशलता और निवेश की रणनीति इस बात में अहम भूमिका निभाती है कि फंड कितना अच्छा प्रदर्शन करेगा।
  • प्रैक्टिकल इनसाइट्स
  • लॉन्ग टर्म का ट्रेंड ज़्यादा मायने रखता है: भले ही मंथली रिटर्न में उतार-चढ़ाव हो, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेश इस वोलॅटिलिटी को धीरे-धीरे बैलन्स कर देता है।
  • नियमित मॉनिटरिंग ज़रूरी है: निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा करते रहना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर बड़ी आर्थिक हलचलों को ध्यान में रखते हुए बदलाव करने चाहिए।

यह समझना जरूरी है कि रिटर्न किन चीज़ों पर निर्भर करता है — इससे उम्मीदें वास्तविक रहती हैं और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की अहमियत भी याद रहती है।

 

SIP के ज़रिए निवेश लक्ष्य तय करना

1. रिटायरमेंट प्लानिंग

लक्ष्य: रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी को आरामदायक और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना।

तरीका: हर महीने नियमित रूप से निवेश करें ताकि कंपाउंडिंग की ताकत से एक मजबूत सेविंग फंड तैयार हो सके।

इक्विटी और डेट फंड्स का संतुलित मिश्रण अपनाएं ताकि ग्रोथ और स्थिरता दोनों मिले।

 

2. बच्चे की शिक्षा

उद्देश्य: भविष्य में शिक्षा से जुड़े खर्चों के लिए पर्याप्त रकम जमा करना।

पद्धति: जल्दी शुरुआत करें ताकि कंपाउंडिंग का पूरा लाभ मिल सके।

निवेश अवधि को बच्चे के कॉलेज में एडमिशन की उम्र से जोड़कर प्लान करें।

 

3. संपत्ति निर्माण

उद्देश्य: लंबी अवधि में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना।

पद्धति: टारगेट्स को छोटे-छोटे चरणों में बांटें।

नियमित रूप से पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और ज़रूरत के अनुसार उसे रीबैलन्स करें।

 

4. घर की खरीदारी

लक्ष्य: भविष्य में घर की डाउन पेमेंट के लिए फंड तैयार करना।

तरीका: मासिक निवेश की एक व्यावहारिक शुरुआत करें।

जैसे-जैसे इनकम बढ़े, एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर की मदद से निवेश राशि को बढ़ाते जाएं।

 

जब निवेशक अपने SIP को किसी खास उद्देश्य से जोड़ते हैं, तो वे न केवल पैसे की बचत करते हैं, बल्कि लंबी अवधि में संपत्ति भी बना पाते हैं — और ये प्लान पूरी तरह उनके हिसाब से तैयार होता है।

 

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर का इस्तेमाल कैसे करें

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर का उपयोग करना आसान है और यह आपके निवेश की योजना बनाने में काफी असरदार साबित होता है। शुरुआत करने के लिए बस ये स्टेप्स फॉलो करें:

 

अपनी मासिक SIP राशि दर्ज करें:

हर महीने आप जितनी निश्चित रकम निवेश करना चाहते हैं, वो राशि यहां डालें।

 

अपना अनुमानित सालाना रिटर्न दर्ज करो:

इतिहास के आधार पर देखा गया है कि इक्विटी फंड्स लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।

आप अपनी निवेश प्राथमिकता, रिस्क प्रोफाइल और फंड के प्रकार के अनुसार यह दर बदल सकते हैं।

 

निवेश की अवधि चुनें:

आप कितने सालों तक निवेश करना चाहते हैं, यह बताएं। यह कुछ साल भी हो सकते हैं या कई दशक भी। तुरंत परिणाम देखें।
 

कैलकुलेटर आपके द्वारा दिए गए मानदंडों के आधार पर भविष्य में बनने वाले कॉर्पस को तुरंत प्रदर्शित कर देगा।

 

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर के फायदे

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर सिर्फ जोड़-घटाव करने वाला कैलकुलेटर नहीं है — यह एक ऐसा टूल है जो निवेश की आदत और फाइनेंशियल प्लानिंग को मजबूत करता है।

  • तुरंत और सटीक परिणाम: बिना किसी मैन्युअल गणना के जल्दी और सही अनुमान देता है, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।
  • बेहतर निवेश योजना: किसी खास फाइनेंशियल लक्ष्य को पाने के लिए आपको कितनी SIP करनी चाहिए, यह जानने में मदद करता है।
  • सिचुएशन का विश्लेषण: आप योगदान राशि, अनुमानित रिटर्न और निवेश अवधि बदलकर अलग-अलग परिदृश्यों की तुलना कर सकते हैं।
  • मानवीय गलती की संभावना कम करता है: ऑटोमैटिक कैलकुलेशन से मैन्युअल गणना में होने वाली गलतियों से बचा जा सकता है।
  • उपयोग में आसान और हर समय उपलब्ध: अधिकांश एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर ऑनलाइन फ्री होते हैं और कभी भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं — ये नए और अनुभवी दोनों तरह के निवेशकों के लिए एक जरूरी टूल है।

 

निष्कर्ष

अपने फाइनेंशियल गोल्स तक पहुंचने के लिए एक मजबूत निवेश योजना बेहद ज़रूरी होती है।

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर एक ऐसा उपयोगी टूल है जो कठिन गणनाओं को आसान बनाता है और आपके निवेश के संभावित ग्रोथ को साफ़-साफ़ दिखाता है।

चाहे आप रिटायरमेंट की योजना बना रहे हों, कोई बड़ी खरीददारी फंड करना चाहते हों या धीरे-धीरे संपत्ति बनाना चाहते हों — एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर आपकी योजना को और मज़बूत बना सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

एसआईपी (SIP) कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जो म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश के आधार पर भविष्य में मिलने वाली रकम का अनुमान लगाता है। यह कंपाउंड इंटरेस्ट के फॉर्मूला से संभावित रिटर्न की गणना करता है।