निवेशक की मृत्यु हो जाने पर उसके म्यूचुअल फंड निवेश का क्या होता है?

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म्यूचुअल फंड सही है?

म्यूच्यूअल फंड्स स्कीमों की कोई मैच्युरिटी तारीख नहीं होती, जब तक आप ELSS या FMPs जैसे क्लोज एंडेड स्कीमों में निवेश नहीं करते जिनकी एक निश्चित अवधि होती है| 
 

SIP करते हुए भी एक समय सीमा में नियमित रूप से निवेश करते रहना पड़ता है| अगर क्लोज एंडेड स्कीम के अवधि के पूरे होने के पहले ही निवेशक का देहांत हो जाता है, दावेदारी पेश करने के लिए नामांकित या उत्तरजीवी व्यक्ति को बतायी गयी प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है, खासकर जहां जॉइंट होल्डिंग है और जहां कानूनी हक़दार है| इस प्रक्रिया को हस्तांतरण प्रक्रिया / ट्रांसमिशन कहते हैं| हस्तांतरण के लिए आवेदन पेश करने से पहले ये ज़रूरी है कि दावेदार को म्यूच्यूअल फंड्स निवेश की पूरी जानकारी हो, अन्यथा ये सम्पूर्ण राशि बिना किसी दावे के, हमेशा के लिए लावारिस रह जाती है|
 

इसलिए, ये राय दी जाती है कि आप अपने म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में नामांकन ज़रूर जोडें जैसा दूसरे निवेशों में होता है, और ये बेहद ज़रूरी है कि नामांकित व्यक्ति को इसकी जानकारी रहे| यदि आपका संयुक्त खाता होल्डिंग है, आपके द्वारा मनोनीत सरवाईवर / उत्तरजीवी, हस्तांतरण / ट्रांसमिशन का दावा पेश कर सकते हैं| लेकिन अगर आपने न कोई नामांकन उल्लेख किया है और कोई संयुक्त उत्तरजीवी होल्डर्स का नाम भी फोलियो में दर्ज  नहीं हुआ है, ऐसी सूरत में आपके कानूनी उत्तराधिकारी हस्तांतरण का आवेदन दे सकते हैं, जिसके लिए उन्हें सभी ज़रूरी दस्तावेज़ और सबूत पेश करने होंगे जिसमें मृत्यु प्रमाणपत्र भी शामिल है| जो व्यक्ति हस्तांतरण के लिए आवेदन दे रहा है, उसका KYC पंजीकरण / रजिस्ट्रेशन ज़रूरी है|         

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